विचारणीय तथ्य जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आएगा वैसे ही कृपापात्री का राजनीति करने वाले क्षेत्रिय छुटभैया नेता मंगनी गाड़ी और चंदे के पैसे से अपनी आधारहीन राजनीति शुरू कर देंगे अचानक आमजनो से इनका लगाव बढ़ेगा और ऐसे लोगों को इनके समूह में विशेष स्थान मिलेगा जो पैसों से मजबूत होंगें तथा जिनके पास चौपहिया वाहन होगें हो भी क्यों ना आखिर चुनाव में पैसा और गाड़ी दोनों की ही जरूरत होगी इस तरह के खास लोग आपको किसी भी चौराहे पर मिल जाएंगे चुनाव तक ये आपसे काफी मधुरता से मिलेंगे वक्त का तकाजा ही कुछ ऐसा होगा बाढ़ सी आएगी ऐसे लोगों की जो आपको विश्वास दिलाएंगे कि उनसे बड़ा दोस्त आपका और कोई हो ही नहीं सकता मगर दोस्ती के विश्वास की उम्र उतनी ही होगी जितना की चुनाव की ऐसे लोग हर आम आदमी के जीवन से कहीं ना कहीं जुड़े होते हैं ये क्षणिक स्वार्थ के लिए आपके अजीज बनते हैं वास्तविक जीवन में कभी ना कभी किसी मोड़ पर ऐसे लोग मिल ही जाते हैं वक्त रहते यदि ऐसे छद्म लोगों को आप नहीं पहचान लेते हैं तो स्वयं का नुकसान करते हैं पोस्ट काल्पनिक है मगर पात्र वास्तविक 🚩 राम ही राम 🚩
इस एक्ट का प्रभाव कहीं ना कहीं आम जनमानस पर बल्कि यूं कहें कि पूरे समाज पर पड़ेगा और इसका दुरुपयोग भी होगा खैर इसकी जिम्मेदार केवल सरकार नहीं बल्कि आमजन की भी हैं आपसी वैमनस्य साधने के लिए इस एक्ट का प्रयोग एक हथियार की तरह ना केवल सवर्ण बल्कि हर वर्ग ने किया है तो क्या इस एक्ट का विरोध अनुचित है नहीं यदि किसी घाव को छोड़ दिया जाए तो वह नासूर बन जाता है ठीक वैसे ही यदि इसका विरोध ना किया गया तो वक्त के साथ यह और भी संगीन हो जाएगा कहीं वैमनस्य के चलते तो कहीं जातिगत भावना के चलते इसका दुरुपयोग होगा और सामाजिक विघटन की स्थिति उत्पन्न होगी समाज के भले के लिए इस एक्ट में कुछ बदलाव आवश्यक हैं ताकि इसके दुरुपयोग की संभावना को कम किया जा सके 🚩 राम ही राम 🚩
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